शिक्षा वह कुंजी है जो हर सफलता के दरवाज़े को खोलती हैं।-अविनाश सिंह।
जिस प्रकार हमें जीने के लिए वायु की आवश्यकता होती है,ठीक उसी प्रकार जीवन में सफल व्यक्ति बनने के लिए शिक्षा का बेहद महत्व हैं शिक्षा के बिना जीवन में सफलता के किसी भी सीढ़ी को नही चढ़ा जा सकता हैं। यह किसी बच्चें के सर्वांगीण विकास से लगाये देश के विकास और सशक्तिकरण का स्तम्भ होता हैं।
शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबी ज्ञान से न होकर वास्तविक ज्ञान से होना चाहिए,शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य के नैतिक मूल्यों का विकास होना चाहिए।भारत के संविधान रचयिता बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी का त्तीन ही सूत्र था- शिक्षा, संगठन और संघर्ष। वे आह्वान करते थे,शिक्षित करो, संगठित करो और संघर्ष करो। पढ़ो और पढ़ाओ।शिक्षा में कभी भी भेद भाव नही होता है यह सबके लिए समान होती है।
हमारे समाज में बेटियों को शिक्षा से वंचित किया जाता,उसे घर के कामों में उलझाया जाता हैं पिता को उसके जन्म से उसके शादी की चिंता होती है किन्तु वही पिता उसके शिक्षा के बारे में नही सोचता। ऐसा करना किसी पाप से कम नही है, शिक्षा शेरनी के दूध की तरह होती है जो जितना पिएगा उतना ही दहाड़े गा इसलिए आधी रोटी कम खाओ लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाओ।
शिक्षा जीवन की वह कुंजी है जो सारे सफलता के दरवाजे खोल देती है,शिक्षित व्यक्ति हर जगह पूजे जाते है हर जगह उन्हें सम्मान मिलता है,शिक्षा के बिना जीवन का कोई भी उद्देश्य नही है।कोई व्यक्ति गरीब या अमीर नही होता है यह शिक्षा ही है जो किसी को गरीब या अमीर बनाती है। ‘सा विद्या या विमुक्तये’ अर्थात शिक्षा वही है जो हमे मुक्ति दिलाती है। जो हमें उचित अनुचित का ज्ञान प्रदान करती है।
शिक्षा वह साधन है जिसके माध्यम से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है हर युद्ध लड़ा जा सकता है हर कार्य को सरल और सहज बनाया जा सकता है।जो देश जितना प्रगति कर रहा है उस देश की शिक्षा का स्तर भी उतना ही ऊपर है चाहे वो अमेरिका ही क्यों न हो।
जीवन में शिक्षा का कोई अंत नही है,आप जब तक जीवित है तक तक शिक्षा ले सकते है चाहे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में। मैं अविनाश सिंह पूरे समाज वर्ग से यह प्रार्थना करता हूं की भले आप एक रोटी कम खाइए किन्तु अपने आने वाले भविष्य को शिक्षित जरूर करियेगा ताकि हमारा देश एक समृद्धशाली देश बन सके।
अविनाश सिंह
8010017450
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