कभी न डर इस अकेलेपन से
लड़ कर जीत इस अंधेरेपन से
कौन कहता है तू डरती है सबसे
बोल दे मैं हूं लष्मी बाई हूं अबसे
अविनाश सिंह
8010017450
जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...
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