आखिर कोरोना योद्धा सम्मान के असली हक़दार कौन हैं?अविनाश सिंह।
कोरोना वैश्विक महामारी से जहाँ पूरा देश जूझ रहा है वही कुछ लोग इस महामारी में देश के लिए ढाल बन कर आये है जो अपनी जान की परवाह किये बिना सभी की मदद कर रहे हैं। आपनी जान जोख़िम में डाल कर सभी को जीवन दे रहे है।
यह एक गंभीर प्रश्न है जिसपे हमें विचार करना चाहिए, आज जिसे देखों वह कोरोना योद्धा सम्मान लेकर स्वयं को कोरोना योद्धा मान रहा हैं जो की गलत है और यह सम्मान की गरिमा को कही न कहीं आहत पहुँचा रहा हैं। हमारे प्रधान मंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश से आह्वान किया था की डॉक्टर,पत्रकार और पुलिस जो निरंतर कोरोना काल में अपने परिवार से दूर रह कर सभी की सेवा कर रहे है वही इसके असली हकदार हैं किन्तु इसका उल्टा देखने को मिल रहा हैं,आम जनता इस सम्मान को लेकर स्वयं में फूला नही समा रही हैं और असली हकदार पीछे रह जा रहे हैं।
इस संकट के काल में पत्रकार जो हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ होते हैं सुबह से शाम तक खबर ला रहे हम सभी को जानकारी दे रहे हैं आज उनके साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है जैसा की ग़ाज़ियाबाद में विक्रम जोशी के साथ देखने को मिला था।.उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी। यह देखने को मिल रहा है कोई दो चार कविता लिख कर खुद को कोरोना योद्धा मानने लगा हैं कोई दो चार मास्क आदि बांट कर खुद को कोरोना का सम्मान ले रहा, कोई सेमीनार आदि कर के यह सम्मान इक्कट्ठा कर रहा हैं।
मैं अविनाश सिंह स्वयं एक कवि और समाज सेवक हूं किन्तु मैं इस सम्मान का बहिष्कार किया है लेने से और हर संस्था को मना किया हूं मुझे इस सम्मान से न सम्मानित न किया जाए। दो चार कविता लिख कर कोई कवि बन जाता है तो उन लोगों से निवेदन है दो चार अच्छे कार्य करके भगवान भी बन जाए। यह सम्मान की गरीमा कुछ संस्था अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए बांट रहे है जो की गलत है इस सम्मान का असली हकदार वही है जो निरंतर अपनी सेवा भाव से कोरोना से लोगों की जान बचा रहा है जैसे डॉक्टर पत्रकार पुलिस आदि।
यदि आप कुछ नही कर सकते है तो इस सम्मान के आप हकदार नही हैं कुछ नही यदि कर सकते है तो कम से कम रक्त दान ही कीजिये तब भी आप इस सम्मान के हकदार रहेंगे। मैं पूरे देश से यह आग्रह करुंगा की असली कोरोना योद्ध को ही इस सम्मान से नवाज़ा जाए।
अविनाश सिंह
8100017450
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