*नाम/पता*
✳️मैंं अविनाश सिंह पुत्र श्री विनोद सिंह और माता श्रीमती सुषमा सिंह । मैं गोरखपुर जिले के बड़हलगंज का मूल निवासी हूँ। मेरा जन्म मेरे मूल निवास बड़हलगंज में 07 सितंबर को हुआ था।
*शिक्षा*
✳️बात करें शिक्षा की तो मैंने शुरू से अंग्रेजी माध्यम से अध्ययन किया प्रारंभिक शिक्षा से मैट्रिक तक की शिक्षा मैंने अपने गाँव में ही प्राप्त की,बारहवीं विज्ञान वर्ग से और स्नातक सिविल इंजीनियरिंग नोएडा से 2016 में किया, तत्पश्चात अभियांत्रिकी परीक्षा के तैयारी के दौरान मैंने दो वर्षीय शिक्षक ट्रेनिंग,जिला हापुड़ ग़ाज़ियाबाद से 2018 में पूर्ण किया और परास्नातक चौधरी चरण सिंह मेरठ से किया हैं।
वर्तमान में मैं भारतीय अभियांत्रिक परीक्षा और यूजीसी नेट परीक्षा की सम्मलित तैयारी दिल्ली से कर रहा हूं।
*वर्तमान कार्य*
✳️शिक्षा के दौरान मैं शुरू से ही प्रतिभाशाली छात्र रहा हूँ,बारहवीं में मैं अपने जिला का तीसरा टॉपर रहा, दो बार गेट परीक्षा उत्तीर्ण कर चूका हूं। विभिन्न शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में कई बार अपनी प्रतिभा साबित कर चुका हूं और सब कुछ यदि सही रहा तो जल्द ही एक सफल शिक्षक बन सकूंगा।
*लेखन परिचय*
✳️ लेखन परिचय के विषय में तो यह कहना मुश्किल है की मैं कब से लिख रहा हूं, क्योंकि मुझे यह खुद याद नहीं हां इतना जरूर याद है की बचपन के दिनों में 2007-08 से मैं डायरी लिखता था,जिसमें अनेक ज्वलंत मुद्दों आदि का वर्णन होता था शायद वहीं से मेरे लिखने की शुरुआत हो गई थी।हिंदी शुरू से अध्ययन में नही थी किन्तु माँ के हिंदी जगत से होने के नाते मुझे हिंदी का बहुत अच्छा ज्ञान हुआ और मैं उसी वक़्त से हिंदी के व्याकरण को समझने जानने लगा था। बचपन से ही मंचों का बेहद शौक था और स्कूल के हर सांस्कृतिक उत्सवों पर कुछ न कुछ अवश्य बोलता था।
*उद्देश्य*
✳️वर्तमान में मैंने चार सौ से अधिक लेखन कार्य किया हैं और कलम हर रोज और तेज गति से लेखन कार्य कर रही हैं।मेरी कविताओं,लेखों के लिखने का मुख्य उद्देश्य समाज,देश आदि में एक सकारात्मक परिवर्तन लाना होता हैं।मेरा मानना हैं मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत होती हैं उसकी कलम,मैं इसी कलम के माध्यम से कुछ सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से लिखता रहता हूँ और इसमें मुझे बहुत हद तक सफलता भी मिली हैं।
*प्रिय विषय*
✳️मेरी रुचि किताबें पढ़ना,कविता/आर्टिकल लिखना,महिला शशक्तिकरण के लिए लिखना,समाज के बेहतर विकास एवं समाज में फ़ैली कुरीतियां,अंधविश्वास,रूढ़िवादी सोच,जाति एवं साम्प्रदायिक दंगों को दूर करने में मैं लेखन के माध्यम से प्रयासरत रहता हूँ।
*लेखन & प्रकाशन*
✳️बात करे मेरी पुस्तक प्रकाशन की तो सबसे पहले मैंने माँ पर एक ई-बुक जिसका शीर्षक 'माँ एक सम्पूर्ण परिचय' निकाला था जिसे लोगों द्वाराअत्याधिक स्नेह और प्रेम मिला जो मेरे लिए पुनर्बलन का कार्य किया।
*अखबार*
✳️अनेक साझा संकलन,पत्र पत्रिकाओं,अखबारों में मेरी रचनाएँ छपती रहती हैं।देश के विभिन्न राज्यों के अखबारों में जैसे दैनिकजागरण,हिंदुस्तान, सहारा,अमर उजाला,मीडिया फ़ॉर यु,भाविसत्ता,करंट क्राइम,ग़ज़ केसरी,जन सागर टुडे,स्वर्ण आभा,हिन्द आत्मा आदि अनेक प्रतिष्ठित अखबार में निरंतर मेरी रचना,लेख प्रकाशित होते रहती हैं।
*साझा संकलन*
✳️अनेक साझा संकलन में मेरी रचना छपी है जैसे आगमन संस्था द्वारा 'भाव्य कलश' रीवर प्रकाशन द्वारा 'अलकनंदा' पिजन पब्लिकेशन द्वारा 'एहसास प्यार का'आगमन संस्था द्वारा 'नीलाम्बरा' अमलताश के हम शतदल संस्था द्वारा 'सम्यक कविता संग्रह'काव्यदीप संस्था हापुड़ द्वारा 'काव्यदीप वार्षिकी संकलन'सहारनपुर से 'वो सुनहरा पल' साहिबाबाद से 'माँ विशेषांक' कायाकल्प साहित्य कला फाउंडेशन नोएडा के वार्षिक पत्रिका में,मुंम्बई के सहित्यनामा पत्रिका समेत अनेकों पुस्तक,पत्रिका अखबारों में मेरी रचना प्रकाशित होती हैं।
*पद *
✳️गत वर्ष मैंने स्वयं एक साझा संकलन 'नव पल्लव' के नाम से प्रकाशित किया हूं जिसका मैं स्वयं संपादक भी रहा हूं,जिसका भव्य विमोचन दिल्ली के हिंदी भवन में नवम्बर माह (2019)में हुआ था,मैं संपादक के साथ साथ अनेक पुस्तकों में सह -संपादक भी रह चुका हूँ। मैं अनेकों संस्थाओं के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हूं जिसनें आगमन-एक खूबसूरत शुरुआत हापुड़,जिसका मैं दिल्ली एनसीआर कोआर्डिनेटर हूं,काव्यदीप संस्था हापुड़ जिसमें मैं सह-जन सचिव हूं,नव सृजन एक सुंदर प्रयास संस्था,विरासतें सुख़न अनुराग्यम,यूथ्स एसेंसिटी गोरखपुर,राष्ट्रीय कवि संगम,कायाकल्प,साहित्य फाउंडेशन नोएडा,राष्ट्रवादी लेखक संघ,अमलताश के हम शतदल जैसे अनेक साहित्यिक संस्था से हम अवैतनिक रूप से जुड़े है।
*लेखन शैली*
✳️बात करें मेरी लेखन शैली और विधा की तो मैं मुख्यतः हिंदी में लिखता हूं, कभी-कभी भोजपुरी,ब्रजभाषा में भी लिख लेता हूं और कभी कभी अंग्रेजी में कुछ कोटेशन्स भी।छंदमुक्त कविता,मुक्तक और स्वंतंत्र लेखन शैली का प्रयोग अपनी लेखनी में करता हूं। क्षणिकाएं और जापानी विधा हाइकू
लिखना मुझें बेहद पसंद हैं। वीर रस,श्रृंगार रस में मेरा सर्वाधिक प्रिय और मूल रस है, मेरी अधिकांश रचनाएँ इसी में मिलेगी। लिखने के क्षेत्र में हापुड़ के कवि आदरणीय विजय वत्सजी का मुझपर बहुत असर रहा उन्होंने मुझे कविता की बारीकियों को सिखाया।मुझें माँ पर लिखना बेहद पसंद हैं और मैंने बहुत सी कविता माँ के उपर लिखी हैं।
*मुखर कवि,वक्ता & मंच संचालक*
✳️लिखने के साथ साथ मैं एक कुशल वक्ता भी हूं और मैं कई मंचों पर कवि
सम्मेलन कर चुका हूं और समय समय पर विभिन्न मंचो पर कवि सम्मेलन में जाता रहता हूं,दिल्ली,साहिबाबाद,नोएडा,हापुड़,मेरठ,ग़ाज़ियाबाद,गोरखपुर, गुरुग्राम आदि जगहों पर मैं कवि सम्मेलन में शिरकत करता हूं।मुझे आदरणीय कुंवर बैचैन,लष्मी शंकर बाजपाई,अनामिका अम्बर जी आदि जैसे बड़े कवियों के साथ कवि सम्मेलन किया है।
व्यस्तता के कारण बहुत दूर तक नही जा पाता हूं किन्तु जहाँ तक सम्भव होता मैं कवि सम्मेलनों में शिरकत करता हूं।
*साहित्यिक आदर्श*
✳️साहित्य के क्षेत्र में मेरा मानना हैं की इंसान को लिखने पर कम और पढ़ने पर अधिक बल देना चाहिए, किसी लेखक को धर्म,जात,सम्प्रदाय आदि से ऊपर उठ कर जीवन जीना चाहिए और हमेशा अपनी कलम का प्रयोग सकारात्मक लेखन में करना चाहिए।साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने का कोई शॉर्टकट रास्ता नही हैं,निरंतर लेखन के माध्यम से कोई कवि बनता हैं न की दिखावा से।
*सम्मान और पुरस्कार*
✳️साहित्यिक के साथ साथ हमें अन्य क्षेत्रों में भी कई बार सम्मान मिल चुका हैं 2018 आई.आई.एम रोहतक द्वारा काव्य प्रतियोगिता में मुझे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था।
✳️वर्ष 2018 ये बांसवाड़ा राजस्थान के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में मुझे बेस्ट पेपर पब्लिश्ड के लिए द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था
✳️साहित्य में मुझे युवा कवि सम्मान -2018,अलकनंदासम्मान-2019, प्रतिभाशाली रचनाकार सम्मान,साहित्य अलंकार सम्मान-2018,अमलताश सरस्वती सम्मान-2019,काव्यदीप सम्मान-2019 आदि जैसे सम्मानों से नवाज़ा गया हैं।
*सामाजिक कार्य*
✳️मैं कवि और लेखक साथ साथ एक समाज सेवक भी हूं और अपनी समाज सेवा का कार्य भी मैं बचपन से कर रहा हूं किन्तु इस कार्य को नियमित सुचारू रूप से 2012 से करने लगा जब मैं नोएडा गया,इस क्षेत्र में मैंने गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाना,उनके पेन कॉपी और अन्य जरूरत को पूर्ण करना,समय समय पर कपड़े बटवाना,यथासंभव होने पर भोजन वितरण कार्य,देश में विपदा के समय खड़े रहना,निरंतर प्रतिभा खोज का आयोजन करना,हाल में 2018 में मैंने हापुड़ के नब्बें प्राइमरी विद्यालय में ड्रॉइंग कम्पटीशन कराया था जिसमें तेरह और अन्य अठारह बच्चों को जिला सस्तर पर सम्मानित किया था।देश के खातिर ब्लड डोनेशन का आयोजन नियमित कराना स्वयं भी हर वर्ष ब्लड डोनेट करना।
*संस्था एवं कार्य*
मैं किसी भी संस्था से जुड़ने में कोई लगाव नही रखता हूँ किन्तु हर संस्था के दिए कार्यों को पूर्ण करता हूँ, संस्था को उचित मार्गदर्शन का भी कार्य करता हूं और उन्हें कार्य करने के लिए निरंतर प्रेरित करता हूं। इसी उपलक्ष्य में मैं हापुड़ के अक्षरा सोसाइटी,गोरखपुर के यूथ्स संस्था,प्रयागराज के युवा कदम,लाइट डी लिटरेसी ग़ाज़ियाबाद डाइट हापुड़,मुरादनगर के सिमरत फाउंडेशन जैसे संस्था में स्वयं का योगदान देता हूँ और उन्हें भी कार्य करने को प्रेरित करता हूं जिस प्रकिया में स्वयं भी कुछ न कुछ सीखता हूं।
*प्रकृति प्रेम*
✳️पिता जी के फारेस्ट डिपार्टमेंट में होने के नाते मेरा अनायास रुप से प्रकृति से भी गहरा लगाव हो गया। मैं समाज सेवक के साथ साथ प्रकृति प्रेमी भी हूं और अपने स्नातक शिक्षा के समय से ही अनेक शोध कार्य प्रकृति के लिए किया हूं जिसमें मैंने अभी तक तीन नेशनल कांफ्रेंस और एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस में अपना शोध प्रस्तुत कर चुका हूं।
मैं आशा करता हूं मेरा यह परिचय आपको पसन्द आया होगा और आपके प्रतिक्रिया की हमें बेसब्री से इन्तेजार रहेगा,इसमें हुई मात्रिक त्रुटि के लिए छमा मांगता हूं।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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