Saturday, July 11, 2020

144:-झूठ का घड़ा।

झूठ का घड़ा 
फूटेगा एक दिन
बस अब दिन को गिन।

जैसे होंगे कर्म
वैसे भरेगा घड़ा।

यदि कर्म रहे ठीक
तो निकलेगा सोना।

यदि कर्म रहे गलत
तो सब कुछ है खोना।

जैसे टूटेगा घड़ा
मन होगा दुख से भरा

इस लिए कर अच्छे कर्म
मिलेगा सुख हर दम।

अविनाश सिंह
8010017450

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