झूठ का घड़ा
फूटेगा एक दिन
बस अब दिन को गिन।
जैसे होंगे कर्म
वैसे भरेगा घड़ा।
यदि कर्म रहे ठीक
तो निकलेगा सोना।
यदि कर्म रहे गलत
तो सब कुछ है खोना।
जैसे टूटेगा घड़ा
मन होगा दुख से भरा
इस लिए कर अच्छे कर्म
मिलेगा सुख हर दम।
अविनाश सिंह
8010017450
जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...
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