Thursday, July 9, 2020

120:-हाइकु।

हार या जीत
सिक्के के दो पहलू
ना करो भेद।

हार या जीत
होते मन के भ्रम
भरे अहम।

हार या जीत
कर्म के होते फल
कम या ज्यादा।

जीत या हार
जीवन के दो मंत्र
रहो तैयार।

हार या जीत
गाड़ी-चक्का समान
उलट फेर।

हार या जीत
सावधानी से चुनो
आगे को बढ़ो।

हार या जीत
परिवर्तन शील
नही अडिग।

हार या जीत
न मिले लगातार
करो संघर्ष।

हार या जीत
मिलेगा एक दिन
मान या ठान।

हार या जीत
दे गम या अहम
रहना दूर।

हार या जीत
देगा दुख या सुख
पहले उठ।

हार या जीत
है दीपक के रूप
देता प्रकाश।

अविनाश सिंह
8010017450

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