Friday, July 17, 2020

204:-भोजपुरी।

कबहु न सोचले रहनी अइसन समय आयी
मीतऊ  के गले लवागे में मन इतना घबराई
घर रोटी  के महंग भइल सब्जी ले अंगड़ाई
जाने कौन पाप के सजा भोगे हम सब माई

अइसन बीमारी हवे कोरोना न दर न दवाई
कहाँ मंदिरों में हम भगवानों के  दर्शन पाई
जोड़ के हाथ सामने  हम माफ़ी मांग आयी
कबहु न सोचले रहनी अइसन समय आयी

देख सामने एक दुसरे के सब नजर  घुमाई
अइसन लागे हम कउनो चोर उच्चका भाई
केहू न जाने  कोरोना कितनो जान ले जाई
कबहु न सोचले रहनी अइसन समय आयी

गरीब मजुर के देख दशा ई आँख भर आई
भूखे पेट छोड़ के रोजगारी पैदल चले भाई
नाही अब बचल परिवार ना कउनो  कमाई
कबहु न सोचले रहनी अइसन समय आयी

आधुनिकता में कहवा से अइल्स ई बीमारी
सब देशन में फइलल बा कोरोना महामारी
ना ऐकर इलाज हा ना ऐकर कउनो  दवाई
कबहु न सोचले रहनी अइसन समय आयी

अविनाश सिंह
8010017450

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