Monday, July 13, 2020

196:-पंक्ति।

जरा सा सब्र तुम कर के तो देखों
बातों को कभी अनदेखा कर के देखों
बहुत से पत्थर दिल भी पिघल जाएंगे
और राहों के शत्रु भी कम होते जाएंगे।

अविनाश सिंह
8001017450

No comments:

Post a Comment

हाल के पोस्ट

235:-कविता

 जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ  पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...

जरूर पढ़िए।