Thursday, July 9, 2020

131:-आलेख।

पत्रकारों का करो सम्माम तभी बनेगा देश महान-अविनाश सिंह। 

कहना बिल्कुल भी गलत नही है की पत्रकारिता हमारे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। यह हमारे तीनों स्तम्भ की देख रेख कर उचित मार्गदर्शन का कार्य करता हैं।जिस प्रकार हमारे देश में क्राइम बढ़ रहा है उसे लोगों के सामने लाने में यह पत्रकार,मीडिया जगत का अहम किरदार रहता हैं।घटना के होने से लेकर उसके तह में जाने तक,सच की खोज करना,दूध का दूध पानी का पानी करना इनके अहम कार्य होते हैं।
वैसे तो कहने वालो का क्या है लोगों के अनुसार मीडिया और पत्रकार पर अनेकों प्रश्न उठाये जाते हैं किन्तु सत्य यह है की जो नदी की गहराई को नापने की हिम्मत रखता है उसी के पाँव गीले होते हैं।सोच कर रूह कांप जाता है एक पत्रकार के दैनिक जीवन को देखकर,सुबह से शाम तक ख़बर,उसकी पड़ताल करना,हत्या,मर्डर,रेप,चोरी,धमाका जैसी भयावक कार्य इनके रोजमर्रा जीवन में होते हैं।
नेताओं से लेकर मंत्रियों तक का प्रेशर इनपे होता है किन्तु यह अपने कार्य को निष्ठा से निर्वहन करते हैं। आज हमारे देश में कोरोना ऐसी वैश्विक महामारी हैं,लोग घर में हैं किन्तु यह पत्रकार जगत आज भी अपने कार्यों से पीछे नही हैं अपने जान की परवाह किये बिना अपने परिवार को पीछे रख यह देश सेवा में लगे हैं, निरन्तर कोशिश करके हमें हर एक घटना से रूबरू करा रहे है।
इस कड़ी धूप में जब घर से निकलना मुश्किल हैं तब यही पत्रकार और मीडिया जगत गल-गली घूम कर लोगों को कोरोना के राहत सामग्री बाँट रहे हैं,लोगों को जागरूक कर रहे है। गरीब से लगाए आम जनता की आवाज को सुन रहे हैं,मैं अविनाश सिंह स्वयं एक कवि और समाज सेवक होने के नाते इस देश की जनता से निवेदन करता हूं की यदि आप कुछ कर नही सकते तो कम से कम पत्रकारिता जगत का सम्मान करें इनके कार्य को,इनके त्याग को समझे और एक सच्चे नागरिक होने का परिचय दीजिये।

अविनाश सिंह
8010017450

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