Thursday, July 9, 2020

130:-आलेख।

स्वयं की सोच बदलने से आएगा सकारात्मक परिवर्तन:-अविनाश सिंह।

निर्भया कांड,कठुआ रेप, फ़ीर ट्विंकल रेप कांड और अब नया नया है हैदराबाद का डॉ प्रियंका रेड्डी रेप केस।क्या है ये सब क्यों हो रहा है, ये सब आखिर किस कारण से हो रहा है, इसके पीछे की वजह क्या है, क्यों यह बार-बार हर मिनट हर घंटे हर दिन हर महीने हो रहा है,आखिर क्या वजह है कि महिला सुरक्षित नही है अपने घरों में भी। क्या कानूनी व्यवस्था सही नही? क्या हमारे देश का संविधान सही नही? जी नही ऐसा नही है सब कुछ सही होने के बाद भी सबसे बड़ी कमी हमारे समाज की है हमारे समाज के सोच की है जब तक लोगों के मन मे परिवर्तन नही आएगा न तब तक न ये कानून कुछ कर पायेगा न ही संविधान।
मैं अविनाश सिंह स्वयं एक समाज सेवक और लेखक होने के नाते यह महसूस किया हूं कि लोगों के मन मे अनेक प्रकार की गंदगी है जिसे पहले साफ करना होगा तभी कुछ सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। आज 12 साल का लड़का रेप कर रहा उसे संविधान का कखग भी नही पता है उसे नही पता कि इस घिनौनी अपराध को करने के बाद मुझे क्या सजा मिलेगी, किन्तु उसे इस बात का पता है कि मुझे किसी के साथ रेप करना है।आखिर यह सोच कहाँ से आई है मैं नही समझ पाता हूं। समाज के सभी वर्ग गलत हो ये भी उचित नही किन्तु हमें अपने अंदर, लोगों के अंदर एक अच्छे सोच का विकास करना पड़ेगा, दूसरे की बहन को आपनी बहन समझना पड़ेगा। 
चार पंक्ति मैं उन लोगों के लिए लिखता हूं जो कहते है छोटे कपड़े बलात्कार का कारण है उनके लिये- 
कपड़े हमारे छोटे नही है
बस सोच तुम्हारी छोटी है
हम फुल कपड़े भी पहन लिए
फिर भी नज़र तुम्हारी खोटी है।
जी हां यही सत्य है प्रियंका बहन के साथ जो कुछ हुआ उसकी कल्पना करने मात्र से रोंगटे खड़े हो जा रहे है जिस बेटी को समाज मे दुर्गा,लष्मी का नाम दिया जाता है वो आज आग से लिपट रही है। समाज सिर्फ अपनी सोच में परिवर्तन लाये,फिर  कोई कानून और न्याय व्यवस्था की जरूरत ही नही पड़ेगी।आखिर पुलिस प्रसाशन अब और कहाँ तक रहेगी जब गंदगी लोगों के मन में है तो पुलिस भी कहाँ तक सुरक्षित कर पायेगी बहु बेटियों को।"दूसरों की सोच को बदलने में कई वर्ष लगेगा,स्वयं की सोच को बदलने में चंद सेकेंड का समय लगेगा"।जी हां मेरी यह पंक्ति यदि सभी पुरुष वर्ग समझ जाएं तो नव भारत का निर्माण होगा और रेप जैसे अपराध का देश से नामों निशान मिट जाएगा।

अविनाश सिंह
8010017450

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