घर को मंदिर मस्जिद सा सजाय रखना
प्रेम रूपी दीप को उसमें जलाये रखना
जैसी रखते हो सोच मंदिर में जाते वक्त
वही सोच हमेशा घर में भी बनाये रखना
अविनाश सिंह
8010017450
जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...
No comments:
Post a Comment