हरा है और भरा हैं
गाँव सबसे सुनहरा हैं
साफ हैं सफ़ाई हैं
नही किसी में बुराई हैं
दुःख में भी सुख हैं
सबके चहरे हँसमुख हैं
अविनाश सिंह
8010017450
जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...
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