Sunday, July 12, 2020

148:-पंक्ति

जो गैर हैं वह भी मुश्किल में साथ दे रहे हैं
धर्म मज़हब को छोड़ वह भी आगे आ रहे
यह तो सोच समझ का फर्क है इंसानों में
की हिन्दू धर्म भी मुस्लिमों का साथ दे रहे

अविनाश सिंह
8010017450

No comments:

Post a Comment

हाल के पोस्ट

235:-कविता

 जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ  पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...

जरूर पढ़िए।