Sunday, July 12, 2020

147:-पंक्ति।

इस कदर से टूट गए है हम
अपनों से ही रूठ गए है हम
अब खुद से लगने लगा है डर
जब अपनों से धोखा खा गये हम

अविनाश सिंह
8010017450

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