अभिव्यक्ति से मत घबराओ
मन में न कोई बात छुपाओ
खुल कर तुम बोलना सीखो
साथ जमाने के चलना सिखो
तभी होगा नभ में नाम तुम्हरा
बनेगा अलग पहचान तुम्हारा
अभिव्यक्ति से घबराना क्यों
लिख या बोल के बताओ तुम
भले कोई सुने या न सुने तुम्हें
मन को बस साफ रखना तुम
न कभी कोई बात छुपाना तुम
अभिव्यक्ति से क्यों घबराओ
मन में जो भी आये कह जाओ
तभी तो असली पहचान बनेगी
सच्चे होने की ये निशान बनेगी।
अविनाश सिंह
8010017450
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