Monday, July 20, 2020

217:-आलेख।

कोरोना काल ग़रीब जनता बेहाल दुकानदार मालामाल:-अविनाश सिंह।

यह कहना गलत नही होगा की कोरोना वैश्विक महामारी से आज पूरा देश आज जूझ रहा हैं जब से यह कोरोना देश में आया है तब से कोई सबसे अधिक ग्रषित हैं तो वह है गरीब तपके के लोग जैसे गरीब महिला,किसान और मजदूर। जिन्हें अनेक प्रकार के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शुरुआत से ही देखने को यह मिल रहा है की गरीब मजदूर पैदल कई सौ किलोमीटर की यात्रा पैदल कर के जैसे तैसे अपने घर पहुँचा हैं।
भले सरकार इन्हें कितना भी राशन दे रही हो या खाने का इंतेजाम कर रही हो किन्तु बीच में कही न कही सरकारी साठगांठ की वजह से उन्हें उनका हक नही मिल पा रहा हैं आधा से अधिक राशन तो बनिया के दुकान पर आ जा रहा है और ग़रीब को मिल रहा तो सिर्फ ना के बराबर। बेचारे मजदूर अपनी व्यथा किससे कहे ,कहाँ जाए। इस लोकडौन में सबसे अधिक चांदी है तो वह है किराना स्टोर की वो मजबूरी का कही न कही फायदा उठा रहे हैं और वस्तुओं के मूल्य से कही अधिक दाम पर बेच रहे है। जिसे ग़रीब मजदूर खरीदने पर मजबूर है।
ऐसा लगता है सारे नियम कानून सिर्फ गरीब वर्ग के लिए ही बनाया गया हैं उन्हें इस कोरोना काल में बेरोजगार होना पड़ा, कितनो ने तो जान दे दी, कितने बेघर हो गए इस बेरोजगारी के चलते। सरकार ने नियम तो जरूर बनाये हैं पर नियम सिर्फ ग़रीब जनता पर लागू हो रहा हैं और किसी पे नही, सरकार कालाबाजारी रोकने में नाकाम साबित हो रही हैं जिसका फायदा बड़े दुकानदार और किराना स्टोर वाले उठा रहे है।
सिर्फ यहीं नही ग़रीब जनता कई अन्य प्रकार की समस्या से प्रभावित हो रहे है जैसे उन्हें सही समय पर इलाज नही मिल रहा,उनका कोरोना टेस्ट नही हो रहा हैं,उन्हें कोरोना बीमारी के समय में राशन की समस्या से जूझना पड़ रहा है जिसका खामियाजा में वो अपनी जान गवा रहे है। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर इसपर ध्यान देना चाहिए और नियम तोड़ने वाले को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए,गरीबों का हक आज सरेआम बाजार में ऊँचे दाम पर बिक रहा और उसे ही गरीब खरीदने पर मजबूर है।
मैं अविनाश सिंह आप सभी से निवेदन करता हूं की कहीं भी आप अगर ऐसी परिस्थिति देख रहे तो उसकी शिकायत सरकार के उच्च अधिकारियों से करिये और ग़रीब को उसका हक दिलाइये।

अविनाश सिंह

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