Friday, July 17, 2020

208:-पंक्ति।

दिल से जो  निकले  बात  वो असर करती है
बिन बहर में लिखे ग़ज़ल कब बसर करती है
ये तो लेखक  के दिल और कलम की बात है
वरना मेरे लिखे बिना वो कई सवाल करती है

अविनाश सिंह
801007450

No comments:

Post a Comment

हाल के पोस्ट

235:-कविता

 जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ  पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...

जरूर पढ़िए।