क्यों न बेटी शब्द मिटा दिया जाए
बेटे में ही बेटी का रूप देखा जाए
न होगा बेटी शब्द का प्रयोग कही
नही होगा बेटी पर अत्याचार कही
अविनाश सिंह
8010017450
जब भी सोया तब खोया हूं अब जग के कुछ पाना है युही रातों को देखे जो सपने जग कर अब पूरा करना है कैसे आये नींद मुझे अबकी ऊंचे जो मेरे सभी सपने...
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