Sunday, July 12, 2020

167:-कविता।

ऐसा तेरा प्यार 
मिला मुझे यार

हुआ मैं दीवाना
पागल कहे जमाना

नही हैं घबराना
नही है शर्माना

हु मैं तेरे साथ
बिन कोई स्वार्थ

रहेगा प्रेम हमेशा
न मिला तुज जैसा

तुझसे मेरी बात
होते है जज्बात

तू बन मेरी राधा
मैं बनू तेरा धागा

अविनाश सिंह
8010017450

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